Saturday, 23 May 2015

हमे बहुत दुखः हुआ जब समाज के लोगों ने मेरा रिश्ता तोडा

मै करुणा रानी, उम्र 24 वर्ष पिता श्री सुमन लाल मेहता, ग्राम बेहराडीह, पोस्ट बेहराडीह थाना-डोमचाँच, जिला-कोडरमा, झारखण्ड की मूल निवासी हूँ। मै वर्तमान मे पढाई कर रही हूँ।
 मेरी घटना यह है कि जब मै छोटी थी 12 से 13 साल की थी। तब हमारे समाज मे कोई शादी होती थी तो मै किसी शादी में शामिल नहीं हो पाते थी और घर वाले जाने भी नही देते थे। कारण यह था कि मेरे पिताजी समाज के गलत कार्यो का विरोध करते थे। तभी से हमारे पापा के विरोध में पुरा समाज था। और यही कारण था कि हमें किसी भी व्यक्ति के यहाँ हो रहे शादी विवाह या अन्य कोई समारोह में जाने नहीं दिया जाता था। मन में बहुत से सवाल उठता था। पर उस समय हम किसी से कुछ पूछ भी नहीं सकते थे, कि हमें क्यों नहीं जाने दिया जाता था। हम लोगों को पूरे कमरे में बंद रहना पडता था। और इसी तरह कई साल गुजर गये और मै बडी हो गई। अब मेरी शादी की बात आनें लगी। बचपन से लेकर आज तक इस समाज के अन्याय को मै झेलते आ रही हूँ। और आज उस समाज का काला चेहरा भी मेरे सामनें आ गया। जब मेरी शादी तय होने लगी, तो मेरा पहला शादी बोकारो में तय हो गया था। उस समय मै एम0 बी00 कर रही थी। उस समय मेरी शादी तय होने को लेकर मेरे घर में सब खुश थे। मेहमान लोग हमे देखने आये थे। और हमें देखने के बाद वो लोग हमें पसंद कर लिये थे। खुशी मानों दुगनी हो गयी थी। पर ना जाने वो मनहुस दिन आया कि वो लोग फोन करके कह दिये कि, हम शादी नहीं करेंगे।
जब ये बात हम सुने तो हमें भी झटका लगा कि पापा इतना मेहनत मजदूरी करके हमें पढा रहे है। और मेरा घर बसाने के लिये एक कोशिश किये वो टूट गया। पर इस विश्वास से आगे बढे कि कुछ तो नया होगा पर हर बार यही होते रहा। मेरा रिस्ता लगता और सब कुछ हो जाने के बाद टूट जाता था। हमें समझ में नही आ रहा था कि आखिर एैसा हो क्यों रहा है। इसी तरह मेरा रिश्ता फिर घोडथम्भा में लगा तब सब बात तय हो जाने के बाद, वही बात सामने आया कि हम जाती समाज से अलग है। इस कारण मेरा रिश्ता ये जाती समाज के लोग शादी नहीं करने देते हैं जहाँ तक हमको पता चला कि मेहता जाति के प्रधान लोग वहाँ जाकर लडके के परिवार वालो को धमकी दिये और ये कहकर आये कि आप सुमन मेहता कि बेटी से अपने लडके का शादी नहीं कीजिये। नही तो हम शादी नहीं होने देंगे। जब हमें पता चला तो हमें लगा कि दुशमनी या फिर जो कुछ है मेरे पिताजी से है। ये जाति समाज के लोग मेरा जिंदगी खराब करने के पीछे क्यों पड गये है। यह सब कुछ सुनने और होने के बाद हम खुद ही किसी के यहाँ आना जाना छोड दिये थे क्योकि हमें ईस बात का पूरा विश्वास था कि हम अगर उस शादी में गये तो मेरा सम्मान को ठेस पहुचेगा| इस कारण नहीं जा पाते पर जानें का मन पूरा रहता था। हाल ही में पूरा घर परिवार व आस-पडोस के लोगों को धमकी दिया गया कि जो लोग सुमन लाल मेंहता कि बेटी के शादी में शामिल होगें तो उस पर समाजिक कार्यवाही की जायगी। और फिर आपके बेटा बेटी कि शादी में समस्या आयगी। फिर देखेगें कि आप अपने बच्चों का शादी कैसे करेगें। यह सुन कर हमे बहुत दुखः हुआ कि ये समाज है या कसाई। जो किसी के मजबुरी को ना समझ कर उसके दामन में दाग लगाने की कोशिश कर रहा है। समाज व्यवस्था बनाने का तरिका है। व्यवस्था तोडनें का नहीं। हम समाज का सम्मान करते है। पर इस समाज के जो ठेकेदार है वो किसी गरीब कि बेटी का जीवन नहीं खराब करें। ये बुरा है हम एैसे लोगो के खिलाफ है। समाज के खिलाफ नहीं।

हम चाहते है कि जो समाज के ठेकेदार हो कर हमे और हमारे परिवार को तबाह करने की कोशिश कर रहा है। कानून एैसे लोंगों को सजा दे और हमे न्याय। 

साक्षात्कारकर्ता - ओंकार व वंदना देवी                        
संघर्षरत पीडिता - करुणा रानी

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