आज भी हमारे भारत देश में महिला को अपने पैर की
जुती समझकर उनके जीवन को बर्बाद करने और उन्हें कमजोर समझकर उन्हें छोड़ देने
मारने पीटने का ठेका ले रखे है थाने द्वारा भी महिला के केस में लीपापोटी करने में
कम नही आयी है। ऐसा ही एक मुसहर महिला की स्व व्यथा कथा सुने उन्ही की जुबानी’
मेरा नाम रेखा देवी पति का नाम रमेश मुसहर ग्राम- नरहन, पोस्ट-
केराकत,
थाना- केराकत, जिला- जौनपुर की मुल निवासी हूँ। मेरे माता पिता मुसहर रिति रिवाज से रमेश
मुसहर पु़त्र कतवारु मुसहर से शादी 4/06/2009
को हुआ था शादी के बाद मै अपने ससुराल गई तो तीन माह सबकुछ ठीक-ठाक था इसके बाद रमेश कही से घुम-फिर कर दारु पीकर आता तो मारता पिटता था| इस तरह से मै सोचती कि वो सुधर जायेगा लेकिन
उनका अत्याचार दिन प्रतिदिन बढता जा रहा था एक दिन वह गाँव के ठाकुर के यहाँ से
गाड़ी चलाकर आये और घर में आकर मुझे लात घूसों से मारने पीटने लगे उस समय मेरे पेट
में लड़का था मै सोच रही थी कि कही मेरे पेट पर न मार दे मै जमीन पर पेट के बल लेट
गयी इस तरह मै उनके अत्याचार को सहती गयी तब मुझे एक लड़का पैदा हुआ तब हम सोचे कि
अब यह अपने बच्चे का मुह देखकर नही मारेंगे, लेकिन वह कहां मानने वाले थे इसी बीच मेरे लड़के का सही देख रेख व
दवा न होने के कारण मेरे लड़के की मृत्यु हो गयी|
मै सोच रही थी कि महिला होने के नाते तो ऐसा नही हो रहा है बच्चे की
मृत्यु के बाद भी वह हमेशा परेशान करते थे कि यह मुझे छोड़कर चली जाये लेकिन मै
सोच रही थी कि माता-पिता कर्ज लेकर शादी किये है अगर मै यहाँ से चली गयी तो मेरे
माता पिता को यह सुनकर बहुत गुस्सा आयेगा और वह मेरी शादी और कही न कर दे यह सोचकर
मै दुसरी जगह शादी करना नही चाहती थी तभी मेरे पेट में दुसरा बच्चा गर्भ में आ गया
इसके बाद मुझे फिर दोबारा लड़का पैदा हुआ। जो भी मिलता था खाँ पीकर पड़ी रहती थी
लेकिन 14 अगस्त, 2014
को हमारे पति रमेश मुसहर ने कहा कि तुम मेरे साथ अपने मायके चलों घूम कर चले
आयेंगे। यह सुनकर मुझे खुशी मिली कि चलों अब कुछ ठीक हो रहा है। यह सोचकर आयी कि
चलो वहाँ से घूमकर साथ में चली आऊगी । मै उनके साथ थानेरामपुर अपने मायके आयी
रातभर वह थे तब मेरी माँ से कहे कि इसे दो चार दिन रख लें घूम फिर लेगी तो जी
आनमान हो जायेगा, इसके बाद मै आकर ले जाऊँगा थानेरामपुर
से नरहन जाने के बाद वह कोर्ट से दुसरी शादी कर लिये। शादी की बात जब मै सुनी तो
मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा था कुछ खाने का मन नही कर रहा था जी घबरा रहा था रात
में नींद नही आयी किसी तरह रात बिताई सुबह माता पिता पैसा कर्ज लेकर केराकत थाना
पर गये तो थानाध्यक्ष केराकत ने उन्हें पकड़ कर लाये लेकिन जिसके यहाँ वह गाड़ी
चलाते थे उन्होने रमेश को छुड़ा लिया। तब दरोगा साहब हम लोगों को बुलाया और बोले
साली माधरचोद तुम लोगो का रिर्पोट नही लिखूंगा तुम लोग यहा से भाग जाओं नही तो तुम
लोगों को बन्द कर दूँगा।
यह सुनकर मेरी माँ गिड़गिड़ाने लगी कि साहब उसके पास एक
लड़का है वह कहाँ जायेगी मै शादी मैने शादी मे सबकुछ दिया है लेकिन दरोगा साहब को
जरा सा भी रहम नही आयी यह कहते हुए पीडि़ता रोने लगी। थोड़ी देर के बाद फिर बताई
कि दरोगा से सामने रमेश मुसहर हमारे पति ने धमकि दिया कि अगर तुम मेरे घर आयी तो
जान से मार दूगाँ। यह सुनकर दरोगा साहब मुस्कुरा रहे थे इसके बाद मै अपने मायके
थानेरामपुर थाना फुलपुर जिला वाराणसी चली आयी तब से मेहनत मजदूरी करके अपना व
बच्चों का जीवन यापन कर रही हूँ।
हम
अपनी आप बीती बताकर बहुत हल्का पन महसूस कर रही हूँ अब मै चाहती हूँ कि रमेश मुसहर
पर मुकदमा पंजीकृत कर मुझे न्याय मिले।
साक्षात्कारकर्ता प्रभाकर कुमार
संर्घषरत पीड़ित- रेखा देवी
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