मेरा नाम हरिश्चन्द्र भारती उम्र 58 वर्ष पिता स्व0 फेकन
ग्राम-हिन्दुवारी पोस्ट-तेन्दु, थाना-कोतवाली
रावर्ट्सगंज तहसील-रावर्ट्सगंज, जिला-सोनभद्र का
निवासी हॅू। मैं अनुसूचित जाति का व्यक्ति हूँ। मैं
मजदूरी करके 1 लड़का व 4 लड़किया हैं जिसमें सभी लड़कियों की शादी कर चुके है। अपने
परिवार का पालन पोषण करती हूँ।
दिनांक 26.11.2012 को समय 12 बजे रात को एक जीप आई हमारे घर के अन्दर आकर कहे
हरिचन्द्र कहा है। इतना कहते ही हम उठकर बैठ गये मेरी पत्नी सोई थी वह भी उठकर
अपना आगन में चली गयी इतना में पुलिस वाले बोले शाले चलो बड़े
साहब बुला रहे है। हम उस समय अपना कपड़ा निकाल कर सोये थे अण्डर बनियाईन पर उसी
पुजिसन में हमें दोनो पुलिस वाले दोनो बाह पकड़ कर जीप के पास ले आये साहब बोले बैठो चलो तुम्हे कोतवाल साहब बुलाये
है। तब तक मेरी पत्नी हमें पकड कर रोने लगी इतना मे दो पुलिस वाला मेरी पत्नी
कलावती को मारने लगे तब हम साहब से बोले साहब हमे कपड़ा पहन लेने दो जिसे उस समय
ठण्ड पड़ रहे थे लेकिन हमे जीप में से उतरने नहीं दिये तब अपने पत्नी से बोले कि
जाओ कपड़ा लेकर आओं तब मेरी पत्नी कपड़ा लेकर आई साहब बोले चलो तुम्हें लियाकर फिर
तुम्हारे घर छोड़ देगे तब तक मेरी पत्नी रोने लगी कही साहब हमे भी ले चलिये मै अपने
पति के साथ चली आई इतना कहते ही हमारे पत्नी को एक पुलिस वाले गाड़ी से छोड़ दिये और
चल दिये तब रास्ते में ही बताये कि चलो वहा कोतवाल साहब जो पूछेगें वहा बता कर चले
आना जब हम कोतवाली पहॅुचे तो वहा लाकप में बन्द कर दिये उसके 2 घण्टे बाद लगभग 2:00 बजे रात में 4
पुलिस वाले आये कहे कि शाले तुम गाजा बेचते हो तब हम बोले साहब हम गरीब को ऐसे क्यों
बोल रहे है। इतना में दुबारा पुलिस वाले दो तमाचा मारे हम साहब का पैर पकड़ कर रोने
लगे और बोले हमारे पास कोई नहीं है। साहब तब बोले शाले 20,000/रुपये
दो नही तो तुम्हें जेल भेज देगे तब हम बोले साहब हम गरीब हम गरीब आदमी कहा पैसा
पायेगे इतना में दरोग साहब अपने जूते से मारे मेरे ठेघुने पर पैर कट गया खून
निकलने लगा| तब हम मार के डर से बोले साहब हल सुबह मेरी पत्नी और बेटा आयेगे तब हम
पैसा देगे तब हमे लाकप में बन्द करके चले गये|
जिसमें बन्द किये कि कही फिर आकर मारने
न लगे हमे लग रहा था कि मेरी पत्नी कैसे हो गी हम इतना अनमंजस में थे कि हमारे कुछ
समझ में नहीं आ रहा था सुबह मेरी पत्नी और लड़के आये तब पूछे तो हम बताये तब हमारे
परिवार के लोग बोले कि हम गरीब के पास उतना काह मिलेगा हम मजदूरी करने वाले लोग
अपना पेट पालने में मजबूर हो मेरा लड़का कोतवाल साहब से बात किये कि साहब हम गरीब
को क्यो फसाया जा रहा हैं तो गाली देकर भगा दिये हमारी पत्नी और मेरा लड़का रोते
विखलते घर चले आये उसके बाद बोले कि इसे कल छोड देगे तब हम लोग गेट पर आकर बैठे
उसके बाद हम लोगो को मिलने भी नहीं दिया गया उसके बाद 26.11.2012
को ले गये थे 28.11.2012 व
29.11.2012 को सबह हमारे घर सूचना दिलवाये कि कचहरी आ जाना तब हम
कचहरी हमारी पत्नी और लड़के आये तो पता चला कि 20 ग्राम हिरोईन (नशीली
पदार्थ) पुलिस बरामद कि है दिखाकर चलान कर दिया मिर्जापुर कारागार में वहा पर हमसे
नाली साफ कराया जाता था वहा पर झाडू लगवाते थे एक महिने बाद घर वाले अपना जेवर गीरवी
रखकर जमानत कराये हमारे गाँव के लोग बोली बोलते है कि इस पुलिस लात जुता से मारे
थे चोरी करता है और हिरोईन बेचता है। हमे बहुत सरमिन्दगी महसूस होता है कभी कभी
हमें रात में भी नीद नहीं आता हम सोचते है कि हमें भगवान क्यो नहीं जे जाते न ये
सब सुनते।
न्याय के लिये दर-दर भटक रहा हूँ लेकिन हम गरीब को सुनकर
काफी हल्का महसूस कर रहा हूँ।
साक्षात्कारकर्ता -
पिन्टू गुप्ता
संघर्षरत
पीड़िता - हरिश्चन्द्र भारती
No comments:
Post a Comment