पिछले एक वर्ष में भारत में रेफ बलात्कार व छेड़-छाड़ जैसी बला का उम्र
बढ़ गया है। ये इतने शाक्तिशाली हो गये है कि कानून इनके मुहॅ की चाभी बन गई है।
ऐसे ही तत्व ने एक गरीब की बेटी को बनाया अपनी हवश का शिकार आइये सुनते है। एक
पीड़ित की कहानी उसी की जुवानी से।
मेरा नाम
मोहन पटेल उम्र 65 वर्ष ग्राम-केकराही, पोस्ट-केकराही, थाना-कर्मा, तहसील-राबर्ट्सगंज, जिला-सोनभद्र
का मूल निवासी हूँ।
मेरी
घटना यह है कि यह घटना 09 जून, 2013 की है।
मेरी बेटी सुखीया कुमारी अपने दीदी हमारी दुसरी बेटी के घर रहती थी। शाम के समय
मेरी बेटी सुखिया समय 7:00 बज रहा
था। शौचालय जा रही थी। खेत में अचानक एक सफेद रंग का बेलोरो मेरी बेटी के सामने ला
कर खड़ा कर दिया फिर बेलोरो पाच लोग निकले जिनका नाम पिन्टू, संजय, गुलाब और
निर्मला राजकुमार ये लोग बेलोरो से निकले और मेरी बेटी को पकड़ कर जबरजस्ती ले गए, जहा से वो मेरी बेटी को ले गये उस जगह का नाम केलहट है।
जब मेरी बेटी को वो लोग ले
गए हम सुने तो हम लोग घबरा गये और हर जगह खोजने लगे लेकिन वह नहीं मिली फिर हम
थाने पर जाकर आवेदन देने गऐ तो थाने वाला मेरा आवेदन नहीं लिये और हमको डाट कर भगा
दिये कोई कार्यवाही नहीं किया गया हमलोगा पागल जैसे हो गए थे। कुछ समझ में नहीं आ
रहा था। हम क्या करे और फिर एक दिन दिनांक 14 जून, 2013
को मेरा बेटी शाम को मेरे घर आ गयी बेटी को देखकर हमलोग और ज्यादा परेशान हो गए|
मेरी बेटी कि हालत हमसे देखी नहीं गई क्यों कि वे बहुत परेशान हो गए थी, हमलोग
उससे पूछे कि तुमको कौन ले गया था और कहा ले गया था। तो उसने कुछ नहीं बताई, जो
लोग मेरी बेटी को ले गये थे। उसे खुद पता नही था। फिर वो बोली कि वो लोग मेरे साथ
बलात्कार करने की कोशिश किया| हम भागना चाहे लेकिन नही भाग पाये| हमको एक कमरे में
बन्द कर के चले गए| जब मेरा तबीयत खराब हो गयी तो वे लोग हमको दवा लाके भी दिये।
मेरी बेटी की पूरी बात सुनकर हमारे पैरो तले से जमीन खिसक गया। आँखो के आगे अंधेरा
छा गया कि अब क्या होगा हम क्या करें अब हम कैसे समाज में मूहॅ दिखाएगें मेरा
इज्जत खत्म हो चुका था। ये कैसा अनर्थ हो गया सिना दर्द से फट गया मेरी बेटी का
जीवन बर्बाद हो चुका था। मेरी बेटी बहुत रोए जा रही थी कि अब क्या होगा मेरा हाथ
कौन थामेगा एक लड़की के लिऐ उसका इज्जत ही सब कुछ होता है। भयभीत हो गया और मेरी
बेटी यह भी बोली कि वो लोग हमको केलहट बाजार में छोड कर चले गये थे और बोले कि अगर
यह बात तुम किसी को भी बताई तो हम तुम्हारे पूरे परिवार को तुम्हारे सामने जान से
मार देगें और फिर तुमको भी मार देगे, हम अपनी
बेटी का पूरा बात सुनकर हम फिर थाना गए आवेदन देने और कहे कि जो लड़की पाच दिन से
गायब थी वे मिल गई है। थाने वाला मेरा आवेदन ले लिया और फिर बिन्दु नामक को पकड़कर
दो दिन थाने में रखा दो दिन बाद धारा 151 लगाकर
चलान कर दिया लेकिन व जमानत कर कर घर आ गया और फिर हमारे घर आकर गाली-गलौज करने
लगा और धमकी भी दिया कि अगर आगे कुछ किये तो तुम्हारा घर सहित उड़ा देगें उसकी यह
बात सुनकर और पुलिस की लापरवाही देख कर हमको बहुत गुस्सा आया हम एस0पी0
के पास गए पर वहाँ हमको अन्दर जाने नहीं दिया हमको गेट पर से ही भगा दिया गया|
मेरे परिवार का हालत इतना खराब हो गया है कि दर-दर की ठोकरे खा रहे। लेकिन अभी तक
कोई सुनवाई नहीं हुआ मेरी मासूम बेटी का क्या दोष था। उन बदमाशो ने मेरी बेटी के
साथ जो किया इससे वह बहुत चिन्ता में रहता हूँ कि कही मेरी बेटी को कुछ हो ना जाए।
मेरी
बेटी और मेरा परिवार यह चाहता है कि उन सबको कड़ी से कड़ी सजा मिले जिससे फिर किसी
का जीवन वो लोग बर्बाद न करे और उसे न्यास मिले इस घटना में मेरी बेटी बीमार रहने
लगी है बहुत डर गई है।
हम अपनी
बात को बताकर हल्कापन महसूस कर रहा हूँ, हमें
उम्मीद है कि हमको न्यास जरूर मिले गा।
साक्षात्कारकर्ता - पिन्दू गुप्ता
संघर्षरत पीड़ित- मोहन पटेल
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