Saturday, 6 June 2015

‘‘हम गरीब को दबंगो और पुलिस ने दिया धमकी’’

मेरा नाम परमेश्वर उम्र 27 वर्ष पिता राजाराम जाति अहिर हमारे दो लड़की एक लड़का है मजदूरी कर अपने परिवार का पालन- पोषण करता हूँ।
घटना दिनांक 06.07.2003 का समय 5:00 बज रहा था| रोज कि तरह मजदूरी कर घर आ रहा था उसी समय रास्ते में ही टेम्पो गाड़ी ने हमें धक्का मार दिया जिससे एक पैर बुरी तरह से खराब हो गया, हम बेहाश हो गये उसके बाद हमे लोग जिला अस्पताल ले गये, उसने टेम्पो से धक्का मारकर भाग गया लेकिन गाँव वालो ने उसे पक लिया, उसका नाम सुरेन्द्र कुश्वाहा पुत्र खरपत्तु कुशवाहा निवासी भसी, थाना- धोरावल, जिला -सोनभद्र गाड़ी नं0 यू एम जेड 8794 है। उसके बाद गाड़ी छोड़कर भाग गया किसी तरह हम गरीब जिला अस्पताल ले गये लेकिन वहा से भी जाबाव हो गया कि मामला सिरियस है उसे तत्काल वाराणसी ले जाइये तब हमारी माँ और भाभी दोनो लोग अपना गहना गिरवी रख कर मुझे वाराणसी ले गये, जहाँ पर दवा चल रहा था, लेकिन मेडिकल लेकर हमारे भैया थाने ले जाकर एफ.आई.आर दर्ज कराने के लिये कोतवाली रावटर्सगंज पुलिस थाना गये  लेकिन वालो पुलिस ने एफ. आई. आर. दर्ज नहीं कर रहे थे उल्टा मेरे भाई को गाली भी दे रहे थे उसके बाद कोई नेता आया तो वह एफ. आई. आर दर्ज किये और अपनी गाड़ी से बयान लेने के लिये हास्पिटल गये लेकिन वहा पर पुलिस वाले गये बोले की मर जाना अच्छा है नही तो बड़ी परेसानी ही होगा यह पैर कटवाना पडेगा।
       लेकिन नहीं कटा हम गरीब अपना किसी तरह से अपनी रहने वाला घर बेच कर जान बचाया गया उसके बाद मामला कोर्ट में चल रहा है जज द्वारा मुआवजा 1 वर्ष पहले ही दो गया 265665 दो लाख पैसठ हजार छःसौ पैसठ लेकिन अभी तक नहीं मिला हम गरीब दर-दर कि ठोकरे खा रहे है हम अब मजदूरी करने के लायक भी नहीं है। आज 10 वर्ष से उपर हो गया मेरे घर भीख मागने कि नौबत हो गयी है हम गरीब को न्याय नही मिल रहा है।
हमें विपक्षा द्वारा बार-बार धमकी मिलती है कि सुलह कर लो नही तो जान से मार देगे हम गरीब लोग दर-दर की ठोकरे खा रहे है।
अपनी बात बताने में बड़ी कष्ट हुआ लेकिन बताने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है कि हमने अपने हक की लड़ाई लडे़गे न्याय मिलेगा हमें विश्वाष है हम गरीब आदिवासी को न्याय मिले।
साक्षात्कारकर्ता   - पिन्टू गुप्ता 
संघर्षरत पीड़ित- परमेश्वर

                              

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