आज भी हमारे देश में गरीब असहाय महिला को व उसके विकलांग बच्चों को
दबंग व्यक्ति द्वारा घर से बेघर करने का ठेका ले रखी है और प्रशासनिक अधिकारी भी
चन्द पैसो के कारण न्याय करने के बजाय अन्याय करने का पेशा बना लिया है। आइये ऐसी
महिला का स्वः व्यथा उसकी जुवानी से सुने।
मेरा नाम शोभना देवी उम्र 60 वर्ष
ग्राम-बसनी, पोस्ट-बसनी, थाना-बड़ागाँव
जनपद-वाराणसी की रहने वाली हॅू। मै गरीब असहाय जाति की राजभर महिला हॅू। मेरे
परिवार में दो लड़के एक लड़की व बहू हैं। मेरे सभी बच्चें शारीरिक व मानसिक विकलांग
है। मैं हास्पिटल में प्रशिक्षित दाई का काम करती हॅू। जो पैसा मिलता है उसी से
परिवार का खर्च चलाती हूँ। मै बसनी चैराहे अपने पैत्रिक जमीन पर घर बनाकर रहती
हॅू। हमारे घर के पीछे मेरी जमीन थी जिसे दबंग व्यक्ति लालचन्द सरोज मेरे घर में
आकर चोरी लगाकर मेरे बेटे को मारने-पीटने लगे तब हम लोग थाने गये वहा पर लालचन
सरोज हमारे घर का सारा सामान फेक दिया और कुछ सामान उठा ले गये। इसकी सूचना जब हम
थाने पर दिये तो पुलिस वाले दोषी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किये। ये
दबंग व्यक्ति लालचन्द, मूलचन्द, सरोज,
हरिचन्द्र, गुलाब, बाजार
वालो से कहते हैं कि इसका कोई गवाही दिया तो उस व्यक्ति के खिलाफ एस.सी/ एस.टी लगवा
दूगा| वह व्यक्ति पैसा वाला है यहा तक कि जिस जमीन पर मेरा आम, नीव
का पेड़ था उसे काटकर घेर लिया मै थाने पर गयी वहा मेरी सुनवाई नहीं हुआ उस समय मै
निराश होकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वाराणसी के यहा गयी और वहा हमने अपनी बात को बताई
तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक साहब फोन किये तो बड़ागाँव की पुलिस गयी तो लालचन्द,
सरोज द्वारा कराये जा रहे काम को रोकवा दिये। मेरे पास उस जमीन के
अलावा कोई अन्य जमीन नही है। मै एक छोटे से कमरे में अपने बहू व बच्चों के साथ
रहती हूँ।
वह भी पी.डब्लू.डी. के नाम मे आ गया है और मै घर से वेघर हो जाऊॅगी
रहने के लिए एकदम जमीन नहीं हैं। दबंग व्यक्ति मेरे ऊपर कई फर्जी मुकदमा भी किया
मै अपनी फरियाद लेकर पिण्डरा तहसील पर सैकडो बार गयी लेकिन वहा मुझे न्याय नहीं
मिला लेखपाल व कानून गोह उससे पैसा लेकर उसी वाली करते है। मै विल्कुल टूट चुकी
हॅू। पुलिस वाले व दबंग वाले को ऊपर बहुत गुस्सा आता है। रात में नींद नहीं आती
भूख नहीं लगती मन में चिन्ता बनी रहती है जी घवराता है कि मेरे मर जाने के बाद
मेरे बच्चें क्या करेगे अब मै चाहती हॅू कि दबंग व्यक्ति से मेरी जमीन मुझे मिले
और उसके साथ कानूनी कार्यवाही हो ताकि वह दूसरे के साथ ऐसा ना करे।
आप को
अपनी कहानी बताकर बहुत हल्का पन महसूस कर रही हूँ।
साक्षात्कारकर्ता-
दिनेश कुमार अनल
संघर्षरत
पीडिता- सोभना देवी
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