आज भी दबंग
व्यक्ति पैसे व गुण्डई के बल पर गरीब कमजोर व्यक्ति को हमेषा सताने व फर्जी केस
में फसाने तथा जान से मारने का ठेका ले रखा है और कानून को खिलौना समझने लगे है
क्योकि कानून के रक्षक भी उन्हीं की सुनते हैं वे भी चन्द्र पैसा की लालच में अपने
वर्दी को बेचकर कानून का उल्घन करते है। आइए ऐसी हकीकत स्व व्यथा कथा पीडि़त की
जुबानी से सुने।
मेरा नाम राजेश
सरोज उम्र 28 वर्ष मेरे पिता का नाम महादेव
ग्राम-मरही] पोस्ट-सेवसीपुर] थाना- जलालपुर] जिला-जौनपुर
का रहने वाला हूँ। मेरे परिवार में दो भाई एक बहन व मेरी पत्नी, पिता, और
मेरे तीन बच्चें रहते है। हम लोगो का परिवार बहुत खुल था मै मेहनत मजदूरी का काम
करता हूँ हमारे घर के परिवार मुन्ना की पत्नी को जिसका नाम पूनम है। उसे दिनांक 1 जुलाई 2014
को पास के दबंग व्यक्ति रामाश्रय पुत्र विदेशी सरोज अजय, विजय, संजय पुत्र रामश्रय को मारने लगे और बोल रहे थे कि अपने
पति को काम करने वाहर क्यों भेजी उस समय वह महिला थर--थर कांप रही थी और जोर-जोर से रो रही
थी। उसकी दशा देखकर हम लोग उस महिला को बचाने के लिए गये और उस महिला को छुडाये
जिसका परिणाम कि उसी रंजीस को लेकर दबंग हम लोगों को प्रताडि़त करते रहे। यहा तक
कि दबंग व्यक्ति मुझे व मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दिया।
हम लोग उसकी धमकी के डर से पूनम के साथ पराउगंज चौकी
पर गये वहा मेरा रिर्पोट लिखा गया। लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कि गयी।
पुलिस उन दबंगो से मिली हुई थी। उधर मैं चौकी पर बैठा था कि 1 जुलाई, 2014 को मेरे घर के वगल में जो उमासिंह की जमीन थी उसी को
लेने के लिए दबंग व्यक्ति व मेरे परिवार से पूरानी रंजीश चल रही था जो जमीन की
कीमत मेरे परिवार द्वारा एक लाख बीस हजार रुपये में तय था लेकिन दबंग व्यक्ति
रामाश्रय सरोज उसी मजीन को लेने के लिए सामने वाले एक लाख पचास हजार रुपये में तय
किये उस समय हम लोग पैसे के आभाव में जमीन को छोड़ दिये लेकिन दबंग व्यक्ति हमारे
परिवार को बार-बार गाली गलौज झगड़ा, मार-पीट करता रहा और बोला की तुम गोलो को जान से मार
दूगा। तुम लोग पूनम को लेकर पराउगंज चौकी पर गये थे वह झगड़ा एक 1-7-2014
को सुबह में हुआ, उसी
समय में पूनम को लेकर चौकी पर गया था। वहा कि पुलिस रिर्पोट तो लिखना दूर हमको
भद्दी-भद्दी माँ-बहन की गाली देकर मुझे चौकी पर 3 घण्टा बैठाया था। उस समय पुलिस की रवैया को देखकर मुझे
डर लग रहा था मन घबरा रहा था मेरे घर से 8:20
मिनट शाम को फोन आया कि दबंग व्यक्ति रामाश्रय व उनके लड़के के साथ चनुआ शट्टी
छित्तुपुर से गुण्डा किस्म में व्यक्ति जिया लाल सरोज पुत्र-कल्लू सरोज अपने कुछ
साथियों के साथ मरही गाँव में आया जो दबंग व्यक्ति के रिश्तेदार थे ये व्यक्ति
अपनी बाईक भगवती सिंह के आज के बगीचे में खण्डा किये थे जो गाँव से थोड़ा दूर या
दबंग व्यक्ति के घर पैदल आया वहाँ लोग दारु पीकर पूनम को मारने लगे पुनम जोर से
चिल्लाने लगी और जान बचाने की गोहार लगाने लगी किसी प्रकार दबंगो के चंगूल से बचकर
हमारे घर भाग कर आयी|
उस समय मेरा छोटा भाई राकेश चचेरा भाई सुनील
मौके पर मौजूद थे। पूनम को बचाने आये तो दबंग व्यक्ति धार दार हथियार से लैस और
मेरे भाई को गुप्ती चाकू चैन से बार करने लगे जिससे मेरे भाई को पेट पीट फेफडे में
तीन जगह जान लेवा हमला किये जिससे व धायल होकर जमीन पर गिर गया उस समय मेरी माँ
दुलारी देवी मौके पर गयी और बेटे की दशा देकर रोने चिल्लाने लगी और उन गुण्डो के
पैर पकड़कर अपने बेटे की जान की दुहाई भागने लगी लेकिन वह निर्दयी पापी मेरी माँ
की बातो की नही सुने शराब के नशे में धूत मेरी माँ के पेट में गप्ती व चाकू से मारने
लगे मेरी माँ छटपटाकर जमीन पर गिर गयी उसका पूरा लाद बाहर निकल गया पुरा शरीर खुन
से लथपथ था मेरी माँ कुछ कहती इसके पहले ही मेरी माँ कुछ कहती मौके पर ही उसकी
मृत्यु हो गयी|
उस समय पुलिस मुझे चौकी पर बैठाये रहे अगर पुलिस
वाले हमे नहीं बैठाये होते तो मेरी माँ की हत्या न हुई होती | हमारे भाई को चाकू
गुप्ती लगी उधर जब मैं अपने घर आया तो वहाँ हालात को देखकर मैं आवाक हो गया मेरे
पैर से मानव जमीन खिसक गयी मैं माँ की लाश से लिपट कर रोने चिल्लाने लगा मुझे कुछ
दिखाई नही दे रहा था| लेकिन किसी प्रकार अपने आपको सम्भालते हुए लोगों को समझाये
इधर दबंग व्यक्ति मारने के बाद पराउगंज पुलिस चौकी पर पहूँचे उल्टा आवेदन मेरे
खिलाफ दिये कि राजेश सरोज व उसके परिवार वाले मुझे बहुत मारे पीटे तब पुलिस वाले
उन दोनों व्यक्ति को बैठा लिए उनके खिलाफ कोई कार्यवाही न करते हुए उन्हे छोड़
दिये| घटना की सूचना मेरे परिवार वाले 100
नम्बर डायल करके पुलिस को दिये थे और 108
नम्बर डायल करके एम्बुलेंश बुलाया गया उस गाड़ी से अपनी माँ व भाई को लेकर
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जलालपुर गये जहाँ डाक्टर द्वारा मेरी माँ को मृतक
घोषित कर दिया गया और मेरे भाई को राजकीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया पुलिस
प्रशासन के दरोगा बीएचयू भर्ती कराने की राय दिये मेरा भाई उस हास्पिटल में 15 दिन भर्ती रहा जो सात दिन कोमा में था आठवे दिन उसे होश
आया उसका आपरेशन 14 सेमी में किया गया था। हम लोग भाई को
अपने से दूर उसके ससुराल में रखे है मेरे भाई को यह पता नही था कि मेरी माँ मर
चुकी है मै रिन कर्ज लेकर अपने भाई के इलाज में 3 लाख रुपये लगाया|
दबंग व्यक्ति से आज भी हम लोगों को डर व भय है।
एक दिन दबंग व्यक्ति मोबइल नम्बर 7817996654
नम्बर से फोन करके माँ बहन की भद्दी-भद्दी गाली व जान से मारने की धमकी दे रहे थे
और कहते थे कि अभी एक हत्या हुई है। मैं तुम्हारे परिवार को मौत के घाट उतार दूंगा
पुलिस वाले हम लोगों के साथ जातियता किये और दबंग व्यक्ति से मिलकर पैसे के बल पर
लोगों को गाली देते थे ऐसी पुलिस व दबंग व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो
ताकि ये व्यक्ति किसी दूसरे के जीवन से खिलवाड जा कर सकें। आज भी घटना को याद करता
हूँ तो पूरे रोगते खडे हो जाते है। रात में नींद नहीं आती भूख नहीं लगती। घर में
बराबर चिन्ता बनी रहती हैं दबंग़ व्यक्ति से डर बहुत लगता है माँ की बहुत याद आती
है।
आपको अपनी बातो
को बताकर हल्कापन महसूस कर रहा हूँ।
साक्षात्कारकर्ता
- दिनेंश कुमार अनल और प्रभाकर
संघर्षरत पीडि़त - राजेश सरोज
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