Thursday 26 March 2015

गरीब असहाय विकलांग परिवार के ऊपर दबंग ब्यक्ति दोवारा उसके जीवन से खिलवाड़ करने !

आज भी हमारे भारत देश में गरीब असहाय विकलांग परिवार के ऊपर दबंग व्यक्ति उनके जीवन से  खिलवाड़ करने का पेशा बना लिए है। उन्हें गरीब व्यक्ति का शोषण व यातना करने में खुशी महसूस होती है। आज हमारे देश में गरीबो को हेय दृष्टि से देखा जाता है। आइये ऐसे पीडि़त विकलांग व्यक्ति की व्यथा उनकी जुबानी सुने।
मेरा नाम बबलू राजभर उम्र 19 वर्ष मेरे पिता का नाम स्व0 फूलचन्द राजभर ग्राम-बसनी पो0 बसनी थाना-बड़ागाँव जिला-वाराणसी का रहने वाला हूँ। मेरे परिवार में मेरी बुढ़ी माँ, भाई व भाभी रहती है। मै बायें हाथ से व पैर से विकलांग हूँ। मै गरीब असहाय बेरोजगार व जाति का राजभर हूँ मेरी माँ प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र बसनी में प्रशिक्षित दाई का काम करती है। गरीबी के कारण मै प्राइवेट हास्पिटल पिन्टू पंडि़त के यहाँ झाडू लगाने का काम करता था मुझे काम किये 1 माह हुआ था मेरी मजदूरी नही दिये मांगने पर कहते थे अभी काम करो हम तुम्हारी मजदुरी दे देंगे मै कुछ नही बोलता था अचानक मेरे जीवन में ऐसा हादसा आया कि मै समझ नही पाया जब मै झाडू लगाकर अप्रैल 2014 को नहाने चला गया उस समय हास्पिटल से थोडे दुर विशेकपुर गाव से नहाकर जब मैं हास्पिटल में आया तो सी. पी. सिंह , पंकज, पिन्टू हमें पकड़ लिए और अनायास बिना कुछ कहे मेरी तलाशी लेने लगे, उस समय मै घबरा गया ।
 मेरा पुरा शरीर काँप रहा था कि आखिर लोग पहले हमें मानते थे आज क्या हुआ कि लोग मुझे गाली देकर मेरी तलाशी क्यों ले रहे है। उनके तलाशी लेने पर मेरे जेब से केवल एक नहाने का साबुन निकला था फिर वो तीनों मुझे मारने लगें उस समय मै बहुत डर रहा था पुरा शरीर काँप रहा था जब लोग पुछे कि बताओं 5000 रुपये चुराकर तुम कहा रखे हो उस समय मेरे पैरो तले जमीन खिसक गयी मुझे ऐसा लग रहा था, मुझे बहुत चिन्ता हो रही थी और मेरे होश उड़ गये। जब मै बताया कि साहब हमने कोई पैसा नही लिया उस समय लोग मुझे और तेज से मारने लगे, मै रो-रोकर अपनी माँ को पुकार रहा था और अपने को छोड़ने की गुहार उन लोगों से कर रहा था, लेकिन उन बेरहम व्यक्ति को मेरे विकलांगता पर भी तरस नही आया इतना सब कुछ करने के बाद भी उन्हें संतोष नही हुआ और मुझे कमरे के अन्दर ले जाकर जबरदस्ती कुर्सी पर बैठाकर दरवाजा बन्द कर दिये तथा मेरे सर में सुई भोंक कर ये पुछ रहे थे कि पैसा कहाँ रखे हो, मै बार-बार कहता रहा मै ऐसा काम नही किया जब लोग मेरे सर में सुई भोक रहे थे।
 उस समय मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मै दर्द से कहर रहा था सोच रहा था कि कोई भगवान बनकर आये और ऐसे पापी व्यक्ति से मुझे छुड़ाये लेकिन ऐसा नही हुआ वे बेरहम मेरे साथ जातियता करते हुए मेरे कपड़े उतरवा दिये और लिंग में जोर-जोर सुई लगाकर बार-बार कह रहे थे कि मेरा पाँच हजार रुपये दो उस समय दर्द इतना हो रहा था कि मेरी आवाज को सुनकर हास्पिटल व अन्य लोग इक्ट्टठा हुए और बोले की बच्चे को क्यो मार रहे हो यह क्यों चिल्ला रहा है उसी समय मेरी माँ आ गयी जबरदस्ती दरवाजा खुलवायी जब मेरी माँ शोभना देवी जब मेरी दशा को देखी तो जोर-जोर से चिल्लाने लगी मेरी माँ उस समय वहाँ कुछ नही बोली मुझे उठाकर प्राइवेट हास्पिटल प्रमोद डा0 बसनी के यहां ले गयी वहाँ डाक्टर द्वारा सुई दवा मेरी माँ कर्ज लेकर किया, घटना के दुसरे दिन अपने माँ के साथ थाना-बड़ागाँव गये तो वहाँ मेरी एफ0 आई0 आर0 दर्ज किया और मेरा मेडिकल पुलिस द्वारा प्रा0 स्वा0 केन्द्र बसनी द्वारा बनवाया गया और पुलिस के द्वारा दोषि व्यक्ति को दुसरे दिन थाने पर बुलवाया गया जब दोषि व्यक्ति थाने गये तो थाने पर मै और मेरी माँ थाने पर मौजुद थे दोषी व्यक्ति हमे और मेरी माँ को जान से मारने की धमकी दे रहे थे, उस समय हम लोग डर गये मेरी माँ से जाकर पुछे साली एफ0 आई0 आर0 की हो। मेरी माँ बोली मेरे बच्चे को इतनी बेरहमी से मारे और 10000 रुपये की माँग कर रहे हो कैसे कोई गरीब अपने को सुरक्षित समझे पुलिस वाले उन लोगों को एक घण्टे बन्द किये थे और हम लोगों को घर जाने से पहले छोड़ दिये दुसरे दिन दोषि व्यक्ति हमारे घर आये और माँ से बोले हम दवा का सारा पैसा दे देंगे तुम सुलह कर लो लेकिन मेरी माँ सुलह नही कि हमारे घर में सभी भाई बहन विकलांग है मेरी माँ बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चलाती है।
आज भी घटना को याद करता हूँ तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है। मन में चिन्ता बनी रहती है उन व्यक्ति को देखकर आज भी भय बना रहता है। अब मै चाहता हूँ कि मेरे साथ जो दबंग व्यक्ति शोषण किये है उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही किया जाय और मेरे साथ न्याय हो। आप को अपनी आपबीती बताकर बहुत हल्कापन महसूस कर रहा हूँ।
            संघर्षरत पीड़ित  -      बबलू
      साक्षात्कारकर्ता - दिनेश कुमार अनल व प्रभाकर

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