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Thursday, 3 July 2014
संघर्षरत पीडि़त की स्व0 व्यथा कथा।
आज भी हमारे देश की पुलिस व प्रशासन मुस्लिमों को गिरी हुई निगाहो से देखते हुए उन पर फर्जी मुकदमा व उनके ऊपर जुल्म करने का ठेका ले रखा है। यहाँ तक कि आदमी ही आदमी को अपना शिकार बना रहा है। समुदाय के दबंग व्यक्ति भी अपने लोगों के ऊपर जुर्म व अत्याचार कर रहे है। आइये ऐसे ही एक पीडि़त व्यक्ति की स्व0 व्यथा कथा उसके जुबानी सुना रहा है।
मेरा नाम अब्दुल समद है उम्र 40 वर्ष है। मेरे पिता का नाम श्री सौकत अली ग्राम-कुड़ी पोस्ट-कुड़ी थाना व ब्लाक-बड़ागाँव लहसील-पिण्ड्ररा जिला-वाराणसी का रहने वाला हूँ। मैं 5 भाई तथा 3 बहने है। जिसमें 3 भाई व 3 बहन की शादी हो चुकी है। 3 भाई अपने परिवार के साथ अलग रहते है और 2 भाई मेरे पिता जी के साथ रहते है। मेरे परिवार में कुल 9 सदस्य है। जिसमें में अब्दुल समद पत्नी ताहेरा बानो और एक लड़का तथा 6 लड़की है। जिसमें मेरे भाई का नाम आजाद अली गुड्डू अहमद रजा मेराज हुसैन सिकन्दर हैं
यह घटना 7 फरवरी 2013 का है। जब हमलोग ने बिजली का कनेक्शन कराया जो निम्न लोग है। मोहम्मद युसुफ मो0 अली, उर्फ छेदी निजामुद्दीन (साई) सौदागर (नाई) अहमद रजा उर्फ गुड्डी इन लोगों का कनेक्शन कराकर बिजली विभाग के जे0ई (यादव जी) को दिया गया। इसके बाद जे0ई0 साहब लाइन के लिए मोटा केबिल का तार पास कराये और जुबानी गारेन्टी भी तार का 50 वर्ष का दिये कि ये तार खराब नहीं होगा। जब वो तार खिचावाने के लिए अन्य कर्मचारी के साथ आये तब मुनीब ईशा इरशाद तार खीचाने के लिए रोकने लगे। जे0ई0 साहब जब इन लोगों को समझाने लगे तो ये लोग जे0ई0 की बात नहीं माने तो हम लोग शान्त होकर बैठ गये। जब मुहम्मद अली उर्फ छेदी ने अलीरजा से कहे की दादा हमको लाइन ले जाने दीजिए। कहिये तो हम लोग जे0ई0 से कहकर ऊपर से या जमीन खोदवाकर पाइप के द्वारा खिचवा ले। लेकिन अली रजा ने तार को खीचनें नहीं दिया। फिर अली रजा ने कहा कि मै इसका मालिक नहीं हूँ। इसका मालिक सईद रजा उर्फ छेदी है। उनसे पूछ लीजिए। मुहम्मद अली ने कहा ये आपका जमीन है। मै उनसे पूछने नहीं जाऊॅगा। सईद का दुकान सड़क पर किराना का है। जब सईद 9 फरवरी 2013 को रात में करीब 7:00 बजे दुकान बन्द करके घर पर आ रहे थे। उस समय रास्ते में सईद व मुहम्मद से कहा सुनी होने लगा। इसके बाद दोनों में मार-पीट होने लगा। सईद के साथ उसका लड़का भी था। मार-पीट करते-करते फाइरिंग भी हो गयी। जिसमें सईद उर्फ छेदी की गोली पीठ पर जाकर लग गयी। लेकिन कट्टा बरामद उनके बेटे पिन्टू के पास से हुई। लेकिन मुहम्मद अली उर्फ छेदी वहाँ से भाग गये। जब नियाद अहमद ने इसकी सूचना बड़ागाँव थाना को दी तब थाने से एक गाड़ी पुलिस मौके पर पहूँची। जब पुलिस मुहम्मद अली के घर गयी। तब पुलिस द्वारा पूछ-ताछ करके वापस रोड़ पर आयी तो नियाज नेता के बताने पर 8:30 बजे रात को वापस होकर गुड्डू व गरीब के घर गयी। तब सब लोग घर छोड़कर भाग गये। उसके बाद पुलिस चली गयी। कुछ समय के बाद नियाज नेता ने थाने में जाकर मुहम्मद अली उर्फ देछी गुड्डू व गरीब तीनो लोगों के खिलाफ थ्प्त् दर्ज़ करा दी। जब पुलिस इनको पकड़ने के लिए आती तो मौके पर न पाकर उनके माता व पत्नी और बच्चों को भद्दी-भद्दी गाली देते हुए चले जाते थे और हम लोगो को धमकी देते थे कि उन लोगो को बुला लो नहीं तो तुम लोगों को ले जाकर थाने में बन्द कर देगे। जब पुलिस काफी दिनों तक नहीं पाये तो दिनांक 19 मई 2013 को गुड्डू व गरीब के घर की कुड़की का आदेश दे दिया। हमको जब इस बात का पता चला तो हम उसे ढुढ़कर कचहरी ले जाकर पेश कर दिया और दोनो का वयान दिलवाकर कचहरी से जमानत करवाकर घर ले आये। फिर दोनों को उसी समय मुम्बई भेज दिया। मु0 अली तो पहले से फरार चल रहा था। फिर अचानक मु0 अली उर्फ छेदी दिनांक 4 मई, 2013 को कही से आ गया। वह आने पर 7 बजें शाम को 4 (चार) राउण्ड गोली चलाया लेकिन किसी को भी एक गोली नही लगा और वह गोली चलाकर लालधारी राजभर के घर में जाकर छिप गया तब सईद हफीज अन्य लोगों के साथ लालधारी राजभर के घर जाकर कहा कि मुज्लिम को हमारे हवाले कह दो। तब लालधारी ने कहा की हम इसको पुलिस के हवाले करेगे। तुम लोगों को नहीं देगें। तब उसने बड़ागाँव थाने में मोबाइल के माध्यम से खबर दिया। यह खबर किसी ने कपसेठी थाने में भी दे दी। जब दोनो थानो की पुलिस आयी तो भीड़ को समझा बुझाकर हटाया और फिर बड़ागाँव की पुलिस ने मु0 अली उर्फ छेदी को जीप में बैठाकर अपने साथ थाने लेकर चली गयी और डंडे व पट्टे से बहुत मारे और बार-बार पूछ रहे थे तथा भद्दी-भद्दी गाली देते हुए पूछे तुमने उस पर गोली क्यो चलाई लेकिन वह कहा की साहब गोली तो उसी के पिस्टल से चली थी। इसके बाद इधर सईद हफीज चिल्लाकर कह रहे थे कि गुड्डू व गरीब था यही कहते हुए लोग बल्लम गड़ासे के साथ डंडा लेकर गुड्डू व गरीब के घर की तरफ चल दिये और चिल्लाते हुए कहे की गरीब अब्दूल का घर फूक दो। जब हम लोग यह आवाज सुने तब हम पांचो भाई डर के कारण घर छोड़कर भाग गये। तब उन लोगों ने घर पहूँचकर हमारे पिता, पत्नी व बच्चों को गाली दिये और मारना-पीटना शुरू कर दिये और फिर मिट्टी का तेल छिडक कर हमारे घर में आग लगा दिये। जिससे हमारा 4-5 लाख का सामान व नगदी रुपया भी जल कर नष्ट हो गये। जिसमें साड़ी का 8 करघा भी था व दो कालीन का करघा भी था। जिसमें एक करघा की कीमत लगभग 18-20 हजार रुपये है। जिसमें कपड़ा आलमारी बेड़ तक्था चारपाई टी0वी रजाई गद्दा व गहना में 4 जेव सोने का हार मांगटिका इत्यादि थे और फिर गुड्डू के कमरे जाकर दरवाजा तोड़ दिया । उसमें से 1 लाख की रकम जिसमें 4 जेब, मांगटिका सोने का घर व 1.5 लाख नगद सब उठा ले गये और जो समान बचा फ्रिज कुलर आलमारी टी0वी बेड सब तोड़कर आग में जला दिये और फिर सब लोग भाग गये। तब हमने 100 नम्बर पर फोन किया तब 9:00 बजे पुलिस आयी। जिसमें मिथिलेश मिश्रा एस0ओ
में दमकल को बुलाकर आग पर काफी समय के बाद काबु पायी। जब आग बुझ गयी। तब हम एस0ओ के साथ जाकर थाने में 14 लोगो के साथ एफ0आई0आर दर्ज करायी। जिनके नाम निम्नवत है।
1 नियाद अहमद आरीफ वासीफ ईजाज आजाद इम्तियाज मुमताज गुलाम सरवर, हफीस मुस्ताक मैनुद्दीन जिव्राइल करीमुद्दीन इसास अहमद इत्यादि। इसमें से इजाज आजाद व इम्तियाज की गिरफ्तारी हो गयी। लेकिन अन्य लोग अभी तक फरार है। पुलिस उन लोगों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं की। जब हम थाने पर जाते है तो कहते है कि तुम सुलह नामा कर लो इसी में तुम्हारी भलाई है और पुलिस बिपक्षी पार्टी से पैसा लेकर इस केस को दवाने की कोशिश कर रही है। पुलिस हम लोगों को बार-बार परेशान करती है और कहती है की तुम गुड्डू व गरीब को बुला दो नही तो तुमको ही बन्द कर देगे। हम डर के कारण गुड्डू व गरीब को बुलाकर 7 अगस्त, 2013 को कचहरी में पेश कर दिया। तो वही से पुलिस उन लोगो को चैकाघाट जेल में बन्द कर दिया। उसके बाद पता चला की इनके ऊपर गुण्डा एक्ट का भी धारा लगा है। जो हमारा घर जलाया गया है। आज तक पुलिस कोई कार्यवाही नहीं की। इस घटना से हमारे बच्चों व परिवार पर काफी असर पड़ा है और सभी परिवार सदमें का शिकार हो रही है। रात को नींद नहीं आती हमेशा बेचैनी बनी रहती है। मानसिक तनाव काफी बना रहता हैं।
अपनी बात बताकर मन हल्कापन महसूस कर रहे है। की काई दर्द मेरा बाट रहा है। हम चाहते है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और पुलिस दोषियो के खिलाफ भी कार्यवाही हो और हमारा जो सामान नुकसान हुआ है उसका मुआवजा भी मिले तथा साथ ही न्याय भी मिले।
पीडि़त का नाम- अब्दुल समद
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